उपन्यास >> फिर वही सवाल फिर वही सवालदिनेश कर्नाटक
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वस्तुतः यह अपनी ज़मीन से बिछुड़ने को अभिशप्त एक नौजवान की कथा है.
युवा लेखक दिनेश कर्नाटक का यह पहला उपन्यास है. वस्तुतः यह अपनी ज़मीन से बिछुड़ने को अभिशप्त एक नौजवान की कथा है. अपनी और अपनों की ज़िन्दगी को बेहतर बनाने की जद्दोजहद में उलझे नौजवान के जगह-जगह जाने, जीवन को देखने, उससे जूझने की कथा है. जब वह गाँव में होता है तो उसे शहर में सम्भावनाएँ नज़र आती हैं, और जब वह शहर में होता है तो उसे गाँव पुकारने लगता है. दिनेश कर्नाटक ने पहाड़ की तलछटी में बसी तमाम त्रासदियों-विरूपताओं को इस उपन्यास में अनुपम कथा-कौशल के साथ उकेरा है.
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